Railway Tatkal Ticket – अगर आप भी ट्रैवल एजेंट के भरोसे इमरजेंसी कोटे में ट्रेन टिकट बुक करवाने की सोच रहे हैं, तो अब सतर्क हो जाइए! रेलवे ने इमरजेंसी कोटा (Emergency Quota) के नाम पर हो रहे खेल पर ब्रेक लगाने का बड़ा कदम उठाया है। अब ट्रैवल एजेंट की जादूगरी नहीं चलेगी, क्योंकि रेलवे ने सभी 17 जोनल रेलवे अधिकारियों को साफ-साफ निर्देश दिया है – ट्रैवल एजेंट द्वारा भेजी गई कोई भी रिक्वेस्ट अब स्वीकार नहीं की जाएगी।
क्यों लिया गया ये फैसला?
रेलवे को काफी समय से ये शिकायतें मिल रही थीं कि इमरजेंसी कोटे का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। ट्रैवल एजेंट इसकी सिफारिशों को ‘मैनेज’ करके सीटें दिलवा रहे थे, जिससे असली जरूरतमंद लोग वंचित रह जाते थे। रेलवे ने इसे नियमों का गंभीर उल्लंघन मानते हुए अब सख्ती से निपटने का फैसला किया है।
अब इमरजेंसी टिकट के लिए होंगे ये नए नियम
अब से हर इमरजेंसी टिकट की रिक्वेस्ट तभी मानी जाएगी जब वो किसी गज़टेड अधिकारी की सिफारिश के साथ आएगी। और वो भी सिर्फ यूं ही नहीं – उस रिक्वेस्ट में ये डिटेल्स होना जरूरी होगा:
- अधिकारी का नाम और पद
- उनका मोबाइल नंबर
- यात्री का मोबाइल नंबर
- यात्रा की पूरी जानकारी
साथ ही, हर रिक्वेस्ट को एक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा, जिसमें डायरी नंबर, यात्रा की तारीख और सिफारिशकर्ता की जानकारी पूरी तरह से रिकॉर्ड रखी जाएगी।
PRS काउंटर पर अब बढ़ेगी निगरानी
रेलवे ने PRS (Passenger Reservation System) काउंटरों पर भी कड़ा रवैया अपनाने के निर्देश दिए हैं।
- अब इन काउंटरों पर समय-समय पर निरीक्षण (inspection) किया जाएगा।
- MUST, ADJUST जैसे शब्दों पर खास नजर रखी जाएगी क्योंकि इन्हीं के बहाने से गड़बड़ियां होती थीं।
- और हां, अब कोई अधिकारी ब्लैंक साइन की हुई स्लिप किसी को नहीं दे सकेगा।
रिक्वेस्ट स्लिप्स अब 3 महीने तक रखनी होंगी सुरक्षित
अब सभी इमरजेंसी रिक्वेस्ट स्लिप्स को कम से कम 3 महीने तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी टिकट की सच्चाई की जांच की जा सके। इससे ना सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि बेवजह टिकट पाने वालों पर भी लगाम लगेगी।
जरूरतमंदों तक पहुंचेगा हक़
रेलवे का ये फैसला उन लाखों यात्रियों के लिए राहत भरा है जो वाकई इमरजेंसी में यात्रा करना चाहते हैं लेकिन एजेंटों और सिफारिशों के कारण उन्हें सीट नहीं मिलती। अब उम्मीद है कि इमरजेंसी कोटे का सही उपयोग होगा और इसका लाभ वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचेगा।
तो अगली बार अगर कोई एजेंट बोले कि “हम करवा देंगे इमरजेंसी टिकट” – तो ज़रा सोच समझकर ही भरोसा करना!
Disclaimer
यह लेख रेलवे मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और सार्वजनिक जानकारी पर आधारित है। इमरजेंसी कोटे से संबंधित किसी भी टिकट बुकिंग के लिए यात्रियों को केवल आधिकारिक स्रोतों और नियमों पर ही भरोसा करना चाहिए। फर्जी एजेंट, दलालों या अनधिकृत माध्यमों से टिकट बुक करवाने से बचें, क्योंकि इससे आप कानूनी पचड़े में भी फंस सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन या https://www.irctc.co.in पर संपर्क करें।