लोन डिफॉल्ट पर राहत! RBI ने EMI पेनल्टी नियमों में किया बदलाव Loan EMI Rules

By Prerna Gupta

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Loan EMI Rules

Loan EMI Rules – अगर आप भी बैंक से लोन लेकर हर महीने उसकी EMI भरते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। कई बार ऐसा होता है कि किसी महीने अचानक खर्च बढ़ जाए, या कोई अनहोनी हो जाए और EMI भरना मुश्किल हो जाए। ऐसे में बैंक या फाइनेंस कंपनी की तरफ से मिलने वाला नोटिस या जुर्माना परेशान कर देता है। लेकिन अब आरबीआई ने लोन लेने वालों को राहत देने के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। ये नियम लोन डिफॉल्ट से जुड़े हैं और इसका सीधा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जो समय पर EMI नहीं भर पाते।

अब नहीं लगेगा पेनल ब्याज

आरबीआई के नए नियमों के मुताबिक, अगर कोई ग्राहक समय पर EMI नहीं भर पाता है, तो बैंक या NBFC उस पर अब पेनल ब्याज नहीं लगा सकेंगे। जी हां, पहले क्या होता था कि अगर किसी महीने EMI लेट हो जाए तो बैंक पेनल ब्याज वसूलते थे, जिससे ग्राहक की परेशानी और बढ़ जाती थी। अब आरबीआई ने इस पर रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि अगर कभी मजबूरी में EMI लेट हो जाए, तो अब उस पर एक्स्ट्रा ब्याज नहीं लगेगा।

पेनल चार्ज अब होगा सीमित और पारदर्शी

हालांकि, आरबीआई ने बैंकों को यह छूट दी है कि वो पेनाल्टी के तौर पर ‘पेनल चार्ज’ वसूल सकते हैं, लेकिन इसकी भी सीमा तय कर दी गई है। सबसे जरूरी बात ये है कि ये चार्ज लोन अमाउंट में नहीं जोड़ा जाएगा और न ही इस पर कोई एक्स्ट्रा ब्याज लगाया जाएगा। यानी अगर बैंक पेनल्टी लगाएगा भी, तो वो सिर्फ एक तय रकम होगी और इसका असर आपके लोन के बाकी हिस्से पर नहीं पड़ेगा।

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बैंक क्यों लगाते हैं ये चार्ज?

कई बार आपने सुना होगा कि बैंक छोटे-छोटे चार्जेस लगाकर अपने रेवेन्यू को बढ़ाते हैं। EMI में देरी होने पर लगने वाले पेनल ब्याज भी इसी का हिस्सा होता है। लेकिन आरबीआई का कहना है कि ये तरीका सही नहीं है। पेनाल्टी चार्ज का मकसद ग्राहकों को अनुशासन में रखना है, न कि बैंक के मुनाफे को बढ़ाना। यही वजह है कि अब RBI ने साफ कर दिया है कि ऐसे चार्जेस का इस्तेमाल रेगुलेटेड और ट्रांसपेरेंट तरीके से ही किया जाना चाहिए।

पेनल ब्याज और पेनल चार्ज में फर्क

अब थोड़ा साफ-साफ समझते हैं कि पेनल ब्याज और पेनल चार्ज में क्या फर्क होता है। पेनल ब्याज वह अतिरिक्त ब्याज होता है जो EMI में देरी होने पर मूल ब्याज के अलावा लिया जाता है। यह सीधे आपके लोन की राशि में जुड़ जाता है और अगली किस्त में ब्याज बढ़ जाता है। वहीं, पेनल चार्ज एक निश्चित रकम होती है जो एक बार में ली जाती है और उसे ब्याज में नहीं जोड़ा जाता। नए नियमों के मुताबिक, बैंक अब सिर्फ पेनल चार्ज ही लगा सकेंगे, वो भी सीमित और स्पष्ट शर्तों के तहत।

ग्राहकों को कैसे होगा फायदा?

इन नए नियमों से सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जो किसी महीने मजबूरी में EMI नहीं भर पाते हैं। अब उन्हें पेनल ब्याज का डर नहीं सताएगा। साथ ही, बैंक भी मनमर्जी से कोई चार्ज नहीं वसूल सकेंगे। इससे ग्राहकों और बैंकों के बीच ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी और फाइनेंशियल डिसिप्लिन को भी बढ़ावा मिलेगा। आरबीआई ने सभी बैंकों और NBFCs को निर्देश दिए हैं कि वो इन नियमों का कड़ाई से पालन करें।

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अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं या पहले से कोई EMI भर रहे हैं, तो ये नियम आपके लिए बेहद अहम हैं। ये नियम न सिर्फ ग्राहकों को राहत देते हैं, बल्कि बैंकों की जवाबदेही भी बढ़ाते हैं। अब EMI चूकने पर डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि जिम्मेदारी से लोन चुकाने का मौका मिलेगा।

Disclaimer

यह लेख आम जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है, लेकिन किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, अतः अद्यतन जानकारी के लिए RBI की वेबसाइट या बैंक की नीति अवश्य जांचें।

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