Gold Rate – 2025 का साल सोने के लिए काफी खास रहा है। इस साल की शुरुआत में जहां 10 ग्राम 24 कैरेट सोना लगभग 76,000 रुपये था, वहीं अब मई के अंत तक इसकी कीमत करीब 95,000 रुपये तक पहुंच गई है। मतलब सिर्फ पाँच महीने में सोने की कीमत में 19,000 रुपये से भी ज्यादा का जबरदस्त उछाल आया है। यह बढ़ोतरी लगभग 25% की रही, जो कि किसी भी निवेशक के लिए बहुत अच्छा मुनाफा है। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि जुलाई में 10 ग्राम सोना कितना होगा।
सोने की कीमतों में तेजी के कारण
सोने के दामों में इस तेजी के पीछे कई वजहें हैं। सबसे बड़ा कारण है वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और बढ़ता हुआ भू-राजनीतिक तनाव। जब दुनिया में आर्थिक संकट या तनाव होता है, तो निवेशक सुरक्षित जगह की तलाश में सोने की तरफ बढ़ते हैं। इसके अलावा डॉलर की चाल भी सोने की कीमतों पर बड़ा असर डालती है। डॉलर कमजोर हुआ तो सोना महंगा हो जाता है, और डॉलर मजबूत हुआ तो सोना सस्ता। इस साल डॉलर कमजोर रहने की वजह से भी सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं।
चांदी की कीमतों में भी तेजी
चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है। जनवरी में चांदी का भाव करीब 86,000 रुपये प्रति किलो था, जो अब बढ़कर लगभग 97,700 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। यानी चांदी की कीमतों में भी करीब 13.6% की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी उन लोगों के लिए अच्छी खबर है जो सोने की तुलना में थोड़े किफायती विकल्प में निवेश करना चाहते हैं।
22 अप्रैल 2025 का ऐतिहासिक दिन
22 अप्रैल 2025 सोने के लिए एक ऐतिहासिक दिन रहा। इसी दिन सोना पहली बार 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंचा। यह रिकॉर्ड स्तर उस समय मार्केट के लिए बहुत बड़ा सरप्राइज था और निवेशकों के लिए एक उम्मीद की किरण भी। उस दिन एमसीएक्स (MCX) पर भी सोने की कीमतें 99,358 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थीं। हालांकि उसके बाद कुछ समय के लिए सोने की कीमतों में गिरावट भी आई, लेकिन यह तेजी का संकेत था कि सोना अब मजबूत हो चुका है।
हाल की गिरावट और वर्तमान बाजार स्थिति
मई के अंत तक सोने की कीमतों में थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव आया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के मुताबिक 26 मई को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव 95,382 रुपये था, जो पिछले कुछ दिनों की तुलना में थोड़ी कम हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है और बाजार में सामान्य सुधार का हिस्सा है। फिलहाल सोना 92,000 से 96,000 रुपये के बीच स्थिर होकर कारोबार कर रहा है, जो निवेश के लिहाज से अच्छा संकेत माना जा रहा है।
जुलाई तक की भविष्यवाणी
आने वाले जुलाई महीने को लेकर बाजार में कुछ उम्मीदें हैं। ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि जुलाई में सोने की कीमतों में फिर तेजी आ सकती है और 10 ग्राम सोना 98,000 से 1 लाख रुपये के बीच पहुंच सकता है। हालांकि यह पूरी तरह से वैश्विक और घरेलू आर्थिक हालात पर निर्भर करेगा। अगर वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव या व्यापार युद्ध फिर से बढ़े तो सोने की कीमतें और भी ऊपर जा सकती हैं। वहीं अगर डॉलर मजबूत हुआ या बाजार में स्थिरता आई तो कीमतों में सुधार हो सकता है।
सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
सोने की कीमतों पर कई तरह के फैक्टर काम करते हैं, जैसे अंतरराष्ट्रीय मांग-आपूर्ति, मुद्रा विनिमय दरें, ब्याज दरें, सरकारी नीतियां, और वैश्विक आर्थिक माहौल। खासकर मुद्रास्फीति जब बढ़ती है, तो लोग अपनी पूंजी को बचाने के लिए सोने में निवेश बढ़ा देते हैं। इसलिए मुद्रास्फीति भी सोने की कीमतों को ऊपर की ओर धकेलती है। टैरिफ युद्ध और व्यापारिक तनाव भी सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं क्योंकि जब शेयर बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने को चुनते हैं।
निवेशकों की बढ़ती रुचि और सावधानियां
इस साल निवेशकों की सोने में बढ़ती दिलचस्पी भी कीमतों को तेजी से ऊपर ले गई। बड़ी संख्या में संस्थागत और व्यक्तिगत निवेशकों ने सोने में पैसा लगाया, जिससे मांग काफी बढ़ गई। जुलाई में टैरिफ नीतियों पर पुनर्विचार होने वाला है, जो बाजार में फिर से अस्थिरता ला सकता है, इसलिए निवेशकों को सावधानी बरतनी होगी और मार्केट को लगातार ध्यान से देखना होगा।
2025 में सोने ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है और जुलाई में भी इस तेजी के जारी रहने की उम्मीद है। हालाँकि बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए समझदारी से निवेश करना जरूरी है।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी के लिए है और किसी भी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है। सोने या अन्य वित्तीय साधनों में निवेश करने से पहले किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। बाजार की स्थिति लगातार बदलती रहती है और निवेश में जोखिम शामिल होता है। अतीत का प्रदर्शन भविष्य के नतीजों की गारंटी नहीं देता।