Train Ticket Booking Tips – गर्मियों की छुट्टियां हों या कोई इमरजेंसी ट्रैवल प्लान, ट्रेन से सफर करने का प्लान बनाना जितना मजेदार होता है, कंफर्म टिकट मिलना उतना ही बड़ा चैलेंज बन जाता है। IRCTC की वेबसाइट खोलते ही वेटिंग लिस्ट की लाइन लगी दिखती है और कई बार तो ऐन वक्त पर टिकट न मिलने की वजह से पूरा ट्रिप का प्लान बिगड़ जाता है। ऐसे में बहुत से लोग “करंट टिकट” और “तत्काल टिकट” का ऑप्शन आजमाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि करंट टिकट और तत्काल टिकट में क्या फर्क होता है? चलिए, आसान भाषा में इस फर्क को समझते हैं ताकि अगली बार आपको टिकट बुकिंग में कोई दिक्कत न आए।
बुकिंग का समय क्या होता है?
करंट टिकट का मतलब होता है वो टिकट जो ट्रेन छूटने से कुछ घंटे पहले तक स्टेशन के टिकट काउंटर से मिल सकता है। मतलब अगर आपने अचानक यात्रा का प्लान बनाया है तो स्टेशन जाकर चेक कर सकते हैं कि करंट टिकट उपलब्ध है या नहीं। वहीं दूसरी तरफ तत्काल टिकट ट्रेन के चलने से एक दिन पहले बुक किया जाता है। इसमें भी एक टाइम स्लॉट तय होता है – अगर आप AC क्लास का टिकट लेना चाहते हैं तो सुबह 10 बजे से बुकिंग शुरू हो जाती है, वहीं नॉन-AC क्लास के लिए सुबह 11 बजे से बुकिंग होती है।
उपलब्धता का फर्क क्या है?
करंट टिकट बहुत सीमित होते हैं और ये सिर्फ उन्हीं स्टेशनों पर मिलते हैं जहां से ट्रेन की शुरुआत होती है या बड़े स्टेशन होते हैं। ये टिकट स्टेशन पर मौजूद करंट टिकट काउंटर से ही खरीदे जा सकते हैं। वहीं तत्काल टिकट के लिए रेलवे एक तय कोटा रखता है और ये टिकट IRCTC की वेबसाइट, मोबाइल ऐप या फिर स्टेशन के काउंटर से भी बुक किए जा सकते हैं। हालांकि ये भी जल्दी फुल हो जाते हैं क्योंकि काफी ज्यादा डिमांड रहती है।
टिकट का किराया और चार्जेस क्या होते हैं?
करंट टिकट का किराया आमतौर पर सामान्य टिकट जितना ही होता है। इसमें कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगता, लेकिन चूंकि ये टिकट कम होते हैं तो जल्दी खत्म भी हो जाते हैं। दूसरी ओर तत्काल टिकट पर एक्स्ट्रा चार्ज लगता है। ये चार्ज क्लास और दूरी के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। जैसे अगर आप स्लीपर क्लास में सफर कर रहे हैं तो कम चार्ज लगेगा, लेकिन अगर आप AC में ट्रैवल कर रहे हैं तो यह चार्ज ज्यादा हो सकता है।
रिफंड और कैंसिलेशन की पॉलिसी कैसी है?
अगर आपने करंट टिकट लिया है और किसी वजह से यात्रा कैंसिल करनी पड़ी, तो ट्रेन के छूटने से पहले उसे रद्द करके थोड़ा बहुत रिफंड मिल सकता है। लेकिन ध्यान रखें, करंट टिकट का रिफंड भी लिमिटेड होता है। वहीं अगर आपने तत्काल टिकट लिया है तो उसमें रद्द करने पर कोई रिफंड नहीं मिलता, चाहे टिकट कंफर्म हो या वेटिंग में ही क्यों न हो। यह बात बहुत जरूरी है, क्योंकि बहुत लोग इस उम्मीद में टिकट कैंसिल कर देते हैं कि कुछ पैसे वापस मिलेंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं।
बुकिंग का मकसद और जरूरत क्या है?
करंट टिकट उनके लिए फायदेमंद है जो अचानक ट्रैवल का प्लान बनाते हैं और ट्रेन छूटने से कुछ घंटे पहले स्टेशन पहुंचते हैं। अगर किस्मत अच्छी हुई और सीट खाली हुई तो करंट टिकट मिल सकता है। वहीं तत्काल टिकट उन लोगों के लिए बेहतर है जो ट्रैवल डेट से एक दिन पहले ही तय कर लेते हैं कि उन्हें सफर करना है। ऐसे लोग सुबह तय समय पर बुकिंग करके अपनी सीट पक्की कर सकते हैं।
टिकट बुक करने का तरीका
करंट टिकट के लिए आपको स्टेशन पर मौजूद रहना होगा, क्योंकि ये टिकट सिर्फ करंट टिकट काउंटर से ही मिलते हैं। ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा इसमें नहीं होती। इसके उलट, तत्काल टिकट को आप IRCTC की वेबसाइट, मोबाइल ऐप या फिर रेलवे स्टेशन काउंटर से बुक कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, बुकिंग का समय शुरू होने से पहले ही IRCTC पर लॉगइन कर लें, क्योंकि चंद मिनटों में ये टिकट भी खत्म हो जाते हैं।
कब कौन सा टिकट लेना है? समझदारी से चुनें
अगर आप किसी इमरजेंसी में यात्रा कर रहे हैं और स्टेशन पहुंच सकते हैं, तो करंट टिकट आपके लिए सही रहेगा। लेकिन अगर आपकी ट्रैवल डेट फिक्स है और आप एक दिन पहले ही टिकट लेना चाहते हैं तो तत्काल टिकट आपके लिए बेहतर विकल्प है। दोनों ही मामलों में टिकट बहुत सीमित होते हैं, इसलिए समय की सही प्लानिंग बहुत जरूरी है।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जनहित में आधारित है और रेलवे की मौजूदा बुकिंग पॉलिसी पर आधारित है। नियमों में समय-समय पर बदलाव संभव हैं, इसलिए टिकट बुकिंग से पहले IRCTC की वेबसाइट या नजदीकी रेलवे स्टेशन से जानकारी जरूर प्राप्त करें। लेखक या प्लेटफॉर्म किसी भी नुकसान या भ्रम के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।