Private School Admission – उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत एक ऐसा कदम उठाया है, जो वाकई में लाखों गरीब और वंचित परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण बन चुका है। अब तक राज्य के 1.26 लाख से ज्यादा बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त एडमिशन मिल चुका है। ये सब RTE एक्ट की मदद से संभव हो पाया है, और यह सिर्फ शुरुआत है।
1.26 लाख बच्चों को मिल चुका है मुफ्त एडमिशन
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक कुल 3,34,953 आवेदन मिले थे, जिनमें से 2,52,269 को स्वीकृति दी गई। इनमें से 1,85,675 सीटें बच्चों को अलॉट की गईं और अब तक 1,26,293 बच्चों का दाखिला पूरा हो चुका है। इस पूरी प्रक्रिया को चार चरणों में, पूरी पारदर्शिता और नियमानुसार पूरा किया गया है।
इसका मतलब ये है कि अब लाखों गरीब परिवारों के बच्चों को भी वही सुविधा मिल रही है जो पहले सिर्फ प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले अमीर बच्चों को मिलती थी।
शिक्षा मंत्री ने बताया इसे ‘सपनों की पूर्ति’
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने इस पहल को गरीबों के लिए सपनों की राह बताया। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि उन हजारों परिवारों की कहानी है जो अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देना चाहते थे। अब वो सपना साकार होता दिख रहा है। मंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में इस योजना को और आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि एक भी बच्चा पीछे न रह जाए।
बदला नजरिया, बढ़ा आत्मविश्वास
इस स्कीम के बाद सबसे ज्यादा बदलाव देखने को मिला है बच्चों और उनके माता-पिता के नजरिए में। जो परिवार पहले सरकारी स्कूल तक ही सीमित थे, अब उनके बच्चे भी बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। इससे समाज में एक तरह की बराबरी की भावना आई है और बच्चों में आत्मविश्वास भी बढ़ा है।
गरीब बच्चों को अब ऐसा महसूस होने लगा है कि वे भी किसी से कम नहीं हैं और उन्हें भी वही माहौल और पढ़ाई का स्तर मिल सकता है, जो पहले सिर्फ अमीर बच्चों के लिए था।
आने वाले सत्रों में और आसान होगी प्रक्रिया
सरकार का अगला कदम है इस प्रक्रिया को और अधिक डिजिटल और आसान बनाना, ताकि किसी को कागजी झंझट में न उलझना पड़े। साथ ही प्राइवेट स्कूलों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे इस योजना में पूरी तरह से सहयोग करें।
सरल प्रक्रिया और ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा से यह योजना आने वाले वर्षों में और भी ज्यादा बच्चों तक पहुंच सकती है।
‘सबको शिक्षा, सबको अवसर’ की दिशा में मजबूत कदम
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल सिर्फ शिक्षा देना नहीं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी को सशक्त बनाना है। जब गरीब घरों के बच्चे भी क्वालिटी एजुकेशन पाएंगे, तभी समाज में असली समानता आएगी।
इस मॉडल को देखकर बाकी राज्य भी प्रेरित हो सकते हैं और यही भारत की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी आधिकारिक स्रोतों और समाचार रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी योजना से जुड़े आवेदन या नियम की पुष्टि के लिए कृपया संबंधित सरकारी वेबसाइट या शिक्षा विभाग से संपर्क करें।