NEET UG Result – मेडिकल क्षेत्र में दाखिला लेने के लिए आयोजित होने वाली सबसे बड़ी परीक्षा नीट यूजी 2025 के रिजल्ट को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने नीट यूजी 2025 के रिजल्ट जारी करने पर अस्थाई रोक लगा दी है। यह फैसला एक याचिका की सुनवाई के बाद आया है, जिससे करीब 20 लाख से ज्यादा छात्रों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। देशभर में 4 मई 2025 को आयोजित इस परीक्षा में इतने सारे छात्रों ने हिस्सा लिया था और अब इस रोक से उनकी उम्मीदों पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
प्रमुख विवाद: इंदौर परीक्षा केंद्र में तकनीकी खराबी
यह रोक इंदौर के पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय नंबर एक परीक्षा केंद्र से जुड़ी तकनीकी दिक्कतों की वजह से लगी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि परीक्षा के दौरान 3:30 से 4:30 बजे के बीच बिजली कट गई थी और उस समय परीक्षा केंद्र में जनरेटर की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं थी। इस कारण छात्रों को परीक्षा देने में काफी दिक्कतें आईं और उनका मूल्यांकन सही तरीके से नहीं हो पाया। हाई कोर्ट ने इसे गंभीर मामला माना और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को निर्देश दिया कि जांच पूरी होने तक रिजल्ट जारी न किया जाए।
छात्रों और परिवारों में बढ़ी चिंता
रिजल्ट पर रोक लगने के बाद लाखों छात्र और उनके परिवार चिंता में हैं। पहले ही परीक्षा की तैयारी और तनाव झेल रहे छात्र अब कोर्ट के फैसले से और ज्यादा असमंजस में हैं। सोशल मीडिया पर भी छात्र अपनी नाराजगी और चिंता जाहिर कर रहे हैं। सभी की निगाहें अब हाई कोर्ट की अगली सुनवाई और एनटीए की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं। यदि कोर्ट प्रभावित छात्रों के लिए कोई राहत का प्रावधान करता है तो आगे की प्रक्रिया उसी के आधार पर तय होगी।
शिक्षा विशेषज्ञ की राय: पुनः परीक्षा या ग्रेस मार्क्स?
शिक्षा विशेषज्ञ नवीन कार्की के अनुसार 20 लाख से अधिक छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित कर पाना व्यावहारिक नहीं है। ऐसे में एनटीए के पास दो विकल्प हैं: प्रभावित केंद्र के छात्रों के लिए पुनः परीक्षा आयोजित की जाए या फिर उन्हें अतिरिक्त ग्रेस मार्क्स दिए जाएं, जैसा पहले जेईई और अन्य बड़ी परीक्षाओं में हुआ है। इस मामले का जल्द समाधान न होने पर न सिर्फ छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा बल्कि मेडिकल कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया भी बाधित हो जाएगी।
परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल
नीट यूजी 2025 देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में से एक है। ऐसे में परीक्षा केंद्र पर तकनीकी गड़बड़ियां सामने आने से परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। छात्रों और अभिभावकों को उम्मीद है कि उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन होगा और उन्हें उनका हक मिलेगा। उम्मीद है कि हाई कोर्ट और एनटीए इस मामले को जल्द सुलझाएंगे और सभी छात्रों के हित में उचित फैसला लेंगे।
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