Land Registry Documents – ज़मीन लेना जितना बड़ा फैसला होता है, उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी भी होती है। अब सरकार ने ज़मीन की रजिस्ट्री को लेकर कुछ नए रूल्स बनाए हैं जो हर खरीददार और बेचने वाले को जानना बहुत ज़रूरी है। खासतौर पर अगर आप फर्स्ट टाइम ज़मीन ले रहे हो, तो ये 5 कागज़ आपके पास पक्के होने चाहिए वरना कानूनी झंझट में फंस सकते हैं।
पैन कार्ड और फोटो अब ज़रूरी हो गया है
पहले आप बिना पैन कार्ड के भी कुछ हद तक काम चला लेते थे, लेकिन अब नए नियम के मुताबिक, ज़मीन की रजिस्ट्री करते समय पैन कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो दोनों देना अनिवार्य है – वो भी दोनों पार्टी यानी खरीददार और बेचने वाले को। इससे हर व्यक्ति की पहचान साफ तौर पर रिकॉर्ड में दर्ज हो जाती है। इसका फायदा ये है कि बाद में अगर कोई पहचान का विवाद होता है, तो सरकार के पास पूरा डिटेल पहले से मौजूद होता है।
आधार कार्ड और प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज़ भी जरूरी
पैन कार्ड के साथ-साथ आधार कार्ड भी अब ज़रूरी हो गया है, ताकि आपकी पहचान और पता दोनों वेरीफाई हो सके। साथ ही, ज़मीन की जानकारी जैसे खसरा नंबर, खतौनी, भू-नक्शा और सेल एग्रीमेंट भी देना पड़ेगा। ये सारे डॉक्युमेंट इसलिए मांगे जा रहे हैं ताकि जो ज़मीन आप खरीद रहे हो, वो असली है या नहीं – ये सरकार जांच सके। इससे फर्जीवाड़े की संभावना बहुत कम हो जाएगी।
टैक्स और बाकी बकाया की रसीदें भी होनी चाहिए
अगर उस ज़मीन पर कोई टैक्स बाकी है या किसी सरकारी विभाग का कोई बिल पेंडिंग है, तो उसकी रसीदें भी आपको दिखानी होंगी। वरना हो सकता है कि आप ज़मीन खरीद तो लें, लेकिन बाद में आपको पुराने मालिक की टैक्स की झंझट उठानी पड़े। सरकार ने साफ कहा है कि रजिस्ट्री तभी मानी जाएगी जब प्रॉपर्टी से जुड़ा हर फाइनेंशियल क्लियरेंस पूरा हो।
अब सब कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगा
सबसे बढ़िया बात ये है कि अब आपको तहसील के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं। रजिस्ट्री की पूरी प्रोसेस अब डिजिटल हो गई है। आप घर बैठे-बैठे डॉक्युमेंट्स अपलोड कर सकते हो, चालान बना सकते हो और रजिस्ट्री का कन्फर्मेशन भी ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे ना सिर्फ टाइम बचेगा, बल्कि दलालों और घूसखोरी से भी छुटकारा मिलेगा। सब कुछ ट्रैक पर रहेगा, पारदर्शिता बनी रहेगी।
फर्जीवाड़े पर लगेगी पूरी तरह लगाम
सरकार ने साफ कहा है कि अब एक ही ज़मीन दो लोगों को बेचने जैसी घटनाएं नहीं होंगी। क्योंकि अब हर डील डिजिटल होगी और उसका पूरा रिकॉर्ड एक सेंट्रल सिस्टम में सेव होगा। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और हर व्यक्ति को भरोसा रहेगा कि वो जो ज़मीन खरीद रहा है, वो सही है। ये एक तरह से हर आम आदमी के लिए बहुत बड़ी राहत है।
अब ज़मीन खरीदना होगा सेफ और भरोसेमंद
ये जो सारे नए नियम हैं, उनका सीधा फायदा आम जनता को मिलेगा। पहले जहां प्रॉपर्टी डीलिंग में डर लगा रहता था कि कहीं पेपर नकली ना हों, अब सबकुछ वेरीफाई रहेगा। विक्रेता और खरीदार – दोनों के लिए ये आसान और पारदर्शी प्रक्रिया होगी। सरकार भी अब हर ट्रांजैक्शन पर नजर रख पाएगी, जिससे भ्रष्टाचार में भारी गिरावट आएगी।
राज्य अनुसार नियमों में थोड़ा अंतर हो सकता है
एक बात ध्यान में रखें – ये नियम केंद्र सरकार ने बनाए हैं, लेकिन हर राज्य की अपनी प्रक्रिया हो सकती है। मतलब अगर आप महाराष्ट्र में ज़मीन खरीद रहे हैं और आपके दोस्त उत्तर प्रदेश में, तो हो सकता है डॉक्युमेंट्स या प्रोसेस में थोड़ा फर्क हो। इसलिए किसी भी ज़मीन का सौदा करने से पहले अपने लोकल तहसील या रजिस्ट्री ऑफिस से एक बार कन्फर्मेशन जरूर ले लेना।
Disclaimer
यह लेख केवल जनरल जानकारी देने के मकसद से लिखा गया है। भूमि रजिस्ट्री से जुड़े दस्तावेज़ और प्रोसेस राज्य अनुसार बदल सकते हैं। किसी भी तरह की ज़मीन की खरीद-फरोख्त से पहले संबंधित तहसील कार्यालय या राजस्व विभाग से ऑफिशियल कन्फर्मेशन लेना बेहद ज़रूरी है। इस लेख की जानकारी के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय के लिए लेखक या प्लेटफॉर्म जिम्मेदार नहीं होगा। सरकारी नियमों में समय-समय पर बदलाव संभव हैं, इसलिए अपडेट रहना आपकी जिम्मेदारी है।